गोचर का अर्थ -
गोचर का शाब्दिक अर्थ है ग्रहों का विचरण.सभी नवग्रह अपनी अपनी गति के अनुसार भिन्न भिन्न राशियों में भ्रमण करते है. इसके कारण जो प्रभाव राशियों प़र पड़ता है उसे गोचर विचार कहते है.
गोचर कुंडली और जन्म कुंडली में अंतर -
गोचर कुंडली में गृह की राशी परिवर्तित होती रहती है और भाव भी स्थिर नहीं रहता है अतः यह बदलती रहती है. जनम कुंडली में भाव और राशी स्थिर रहते है इसलिए जन्म कुंडली स्थिर रहती है. इसके अलावा गोचर में चन्द्र लगन की प्रधानता है जबकि जन्म कुंडली में सूर्य, चन्द्र एवं लग्न तीनो का विश्लेषण किया जाता है.
गोचर ज्योतिष का उपयोग -
इसका उपयोग जातक के जीवन में विशेष कालावधि में परिणाम जानने के लिए किया जाता है. यह सत्य एवं शुद्ध फल कहने की एक रीति है . गोचर विचार के बिना जन्म कुंडली का फल कथन पूर्णतया सही नहीं किया जा सकता .
गोचर ग्रहों का द्वादश भावो में फल -
शुभ (Shubh) – Good Results
भाव (Bhav) - House
X - Bad Results
भाव
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गोचर गृह
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सूर्य
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चन्द्र
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मंगल
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बुध
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गुरु
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शुक्र
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शनि
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राहू/
केतु
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प्रथम
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X
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शुभ
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X
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X
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X
| X |
X
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X
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द्वितीय
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X
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X
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X
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शुभ
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शुभ
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शुभ
|
X
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X
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तृतीय |
शुभ
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शुभ
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शुभ
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X
|
X
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शुभ
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शुभ
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शुभ
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चतुर्थ
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X
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X
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X
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शुभ
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X
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शुभ
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X
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X
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पंचम
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X
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X
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X
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X
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शुभ
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शुभ
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XX
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X
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षष्ठ
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शुभ
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शुभ
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शुभ
|
शुभ
|
X
|
X
|
शुभ
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शुभ
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सप्तम
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XX
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शुभ
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X
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X
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शुभ
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X
|
X
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X
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अष्टम
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X
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X
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X
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शुभ
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X
|
शुभ
|
X
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X
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नवं
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X
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X
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X
|
X
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शुभ
|
शुभ
|
X
|
X
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दशम
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शुभ
|
शुभ
|
X
|
शुभ
|
X
|
X
|
X
|
X
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एकादश
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शुभ
|
शुभ
|
शुभ
|
शुभ
|
शुभ
|
शुभ
|
शुभ
|
शुभ
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द्वादश
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X
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X
|
X
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X
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X
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शुभ
|
X
|
X
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अपना शुभ अशुभ समय जानने के लिए अपने जन्म का विवरण यहाँ दे -
2 Comments
11.12.1966 21:30 pls predict (Prithvi Raj)
ReplyDelete18-08-10
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