कोई भी साधना श्रद्धा और निष्ठापूर्वक करनी चाहिए. कुछ प्रमुख तथ्य जिनका ध्यान साधना काल में अवश्य रखना चाहिए , इस प्रकार है -
१- अनुष्ठान शुभ दिन , शुभ पर्व और शुभ मुहूर्त में करना चाहिए .
२- जाप करते समय मुख की दिशा का निर्धारण गुरु के आदेश अनुसार करे क्योकि कार्य के निमित्त और मंत्र के प्रकार से दिशा का निर्धारण होता है . सामान्यतः मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए .
३- स्वच्छ वस्त्र धारण करे .
४- आसन ऊन का हो तो उत्तम होता है .
५- जाप करते समय दीपक निरंतर प्रज्ज्वलित रहना चाहिए.
६- ब्रह्मचर्य का पूर्णतया पालन करें.
७- सात्विक भोजन करें.
८- असत्य ना बोलें.
९ - मंत्र का उच्चारण सही करे. मानसिक जाप श्रेष्ट होता है .
१०- मन को शांत और पूर्ण एकाग्र रखें.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें -
http://www.bagulamukhijyotishtantra.com/
१- अनुष्ठान शुभ दिन , शुभ पर्व और शुभ मुहूर्त में करना चाहिए .
२- जाप करते समय मुख की दिशा का निर्धारण गुरु के आदेश अनुसार करे क्योकि कार्य के निमित्त और मंत्र के प्रकार से दिशा का निर्धारण होता है . सामान्यतः मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए .
३- स्वच्छ वस्त्र धारण करे .
४- आसन ऊन का हो तो उत्तम होता है .
५- जाप करते समय दीपक निरंतर प्रज्ज्वलित रहना चाहिए.
६- ब्रह्मचर्य का पूर्णतया पालन करें.
७- सात्विक भोजन करें.
८- असत्य ना बोलें.
९ - मंत्र का उच्चारण सही करे. मानसिक जाप श्रेष्ट होता है .
१०- मन को शांत और पूर्ण एकाग्र रखें.
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1 Comments
मार्गदर्शन का आभार!
ReplyDeleteसुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल 'समीर'